ज़्यादातर लोग खुशी , गम , और गुस्से को ही ज्यादा पहचानते है , लोग तो यह फौरन कह देते है की की उन्हे किसी आदमी से इसलिए नफरत है क्यो की क्यी की वह उनसे कुछ छिन लेगा लेकिन वह स्वीकार नहीं करेगे क्यो की वे किसी इंसान की दौलत , शोहरत , या उसकी
popularity को छिन लेगा |
दोनों भावनाए नफरत से ही जुड़ी है | शर्म , और अपराध बोध के बीच क्या फर्क है ? क्या निराशा और हताशा दोनों ही समान है ? समाज शास्त्र की जानकार ब्रैने ब्राउन ने अपनी नई किताब - atles of the heart.
मे इन सवालो के जवाब देने की कोशिश की है | कुछ लोगो को यह कुछ पेचीदा मसले लग सकते है मौजूदा दौर मे इस विभाजनकारी दौर मे यह एक बड़ा कोशल है | वे यह समझते है की लोगो मे अपनी popularity बड़ाने के लिए भाषा की जरूरत होती है वो normal नहीं हो सकती वह लोगो की अपनी और आकर्षित करने वाली होनी चाहिए |
ब्राउन टीम ने हजारो लोगो के उपर एक सर्वे किया और पाया की लोग मौते तौर पर केवल तीन भावनाओ की पहचान ते है और वे है खुशी , गम , और गुस्सा |
उन्हे tade toke, poudcast , बहुत ही खास लगते है | उन्होने इसकी जानकारी लेने का निर्णय किया उन्होने 87 अलग भावनाओ और अनुभवो का एक खाचा खिचा |
यह कहती है अपराध बोध या दौषी मानने वाली भावनाओ के बीच काफी अंतर है , अपराध बोध लोगो को बताते है की किसी ने कुछ गलत किया है और उस इंसान को शर्म आती है , क्यो की इंसान की रूप मे वह गलत है | इसी तरह नफरत के दो भाव है लेकिन उनमे काफी अंतर है |
एक है जब कोई इंसान चाहता है की इसका कद दूसरे इंसान के समान हो , और दूसरी भावनाए है की क्यो उसका पाया छिन लेगा , उसके कारण दूसरे इंसान के रिश्ते काफी प्रभावित होते है |
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