present टाइम सबसे अच्छा है इसे आप कमजोर मत समझिए |

               present टाइम सबसे अच्छा है इसे आप कमजोर मत समझिए |

                जो आप कर रहे है उसके प्रति क्या आपमे उसके प्रति निराशा रहती है ? 

क्या आपका रोजगार भी हो सकता है , जिसके लिए पहले तो आप सहमत हो गए थे और उसे कर भी रहे हो , लेकिन आपके मन का कोई हिस्सा है जो उसके प्रति अच्छा महसूस नहीं कर रहा हो , और उसके करने से रोक रहा हो , क्या आप किसी दूसरे इंसान के लिए अपने मन मे कुढ़न पाले बेठे हो ?

क्या यह बात आप जानते है की इस तरह जो ऊर्जा आप रिलीज कर रहे हो वह इतनी खतरनाक होती है की आपको भी प्रभावित कर रही होती है और आस पास वालों की भी  |

अपने भीतर अच्छी तरह देखिये | क्या वह निराशा आपकी अनिच्छा है ?

अगर है तो मानसिक और भावनात्मक रूप से उसे देखिये | आपके मन का वह कोनसा विचार है जो इस स्थिति को पेदा कर रहा है ?

उन विचारो से शरीर पर होने वाली प्रति क्रिया को ध्यान से देखिये | और उस भावना को महसूस करिए | 

हो सकता है की उस समय आप का फायदा उठाया जा रहा हो जिस काम मे आप लगे हुए हो वह नीरस और उभव हो | आपका कोई निकट का साथी बेईमान हो 

और लापरवाह हो लेकिन उन सब बातों का इससे कोई भी लेना देना नहीं है | आपकी इस स्थातियों के लिए आपकी भावना सही है या नहीं ?



इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ता है | फर्क तो तब पड़ता है जब आप prasent टाइम को अपना शत्रु समझ बेठते | आप उस समय अपनी  अंदर निराशा को जन्म दे रहे  होते हो   | 

आप अपने आप से ही टकराव पेदा कर रहे होते हो | सच तो यह है की ज़्यादातर आपका मन ही किसी काम मे अटका रहता है | और असल बदलाव की रोके रखता है | जो कुछ नकारात्मक ऊर्जा से किए हुआ होता है | वो आगे चल कर अधिक पीड़ा का सामना करता है | 

यानि की उसका अंत जल्द सेस जल्द हो जाता है | इसका हल है की जिस इंसान के प्रति रोष है उससे बात करे | इस भावना की दूर करे |


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