आखरी रास्ता- (The motivational story)

Satya Pal
0

           दो दोस्तो जेसा की आप जानते है की मैं हर 3 दिन मे एक ब्लॉग जिसमे कहानी या कोई भी motivational thought आपके लिए लेके आता हु तो इसी कड़ी मे आगे बढ़ते हुए आज मे एक motivational जिसका टाइटल है 

                                                          आखरी रास्ता 

और अगर यह स्टोरी अच्छी लगे तो प्लीज कमेंट मे बताइये तो चलो कहानी को start करते है |

तो यह बात उस जमाने की है जब एक राजा अपने शहर को देखने के लिए निकला और रास्ते मे जाते समय उसे  एक stone(पत्थर) दिखा और उसे वह स्टोन इतना पसंद आया की उसने उसे अपने पूज्य भगवान नटराजन की मूरत बनाने के लिए उसे अपने साथ ले लिया |

जब उसने अपने महल मे कदम रखा  और कदम रखने के साथ ही उसे उसस स्टोन की बात याद आई की उसे मूरत मे बदलना है और उसी के लिए उसने अपने मंत्री से कहा की अपने शहर के सबसे बड़े मूरत बनाने को कहा की जाओ और उसे कहो की मेने बुलाया है |

same is here


 जेसा की राजा ने कहा मंत्री ने वेसा ही किया उसने उस मूरत वाले जे जाकर जेसा राजा ने कहा था  वेसा कह दिया और कहा की इसके लिए उसे 500 मोहरे मिलेंगी |

यह सुन उस मुरत वाले से ना कहा गया  और  उसे उस मंत्री की बात मान ली और और जल्दी ही उस स्टोन को मूरत बनाने मे लग गया और बाद मे हुआ यू की उस मूरत वाले उसे तोड़ने की तो बहुत किशिश की लेकिन 50 बार उसे हथोड़े से मारने के बाद भी वह मुरह नहीं टूटी और उसे निर्णय लिया की अब वह इस स्टोन को मूरत मे नहीं बदलेगा और  उसे देखते-2  हुए उसे उस राजा   के पास ले गया और कहा की मेने बहुत कोशिश  की लेकिन वह मुरत नहीं टूटती है इसी लिए मैं अब इस मूरत को नहीं बदलूँगा

 और यह कह उसने उस स्टोन की राजा  के पास  वही छोड़ दिया फिर राजा ने कहा की मुझे कुछ नहीं पता मुझे वही मुरह ही चाहिए यह सुन मंत्री राजा की बात नई टाल सका और उसने उस स्टोन को किसी और मूरत वाले के पास ले गया और उसने उस स्टोन को मूरत मे बदल दिया और वह इनाम उसे मिल गया | और पहले वाला बस देखते ही रहा गया |

MORAL-

तो दोस्तो इस कहानी मे आपने जाना की हमे हार नहीं माननी चाहिए क्यो की हो सकता है की ईश्वर हमारे लिए कुछ और सोच कर रखा हो तो मेरा तो यह मानना है की आपको कभी हार नहीं माननी चाहिए | 

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)