लालच इंसान को ले डूबता है (The Motivational story)

Satya Pal
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 एक बार की बात है जब एक लालची किसान को कहा गया की वह दिन मे जितनी जमीन चलेगा ,वह उकसी हो जाएगी लेकिन शर्ते ये है की सूरज डूबने से पहले जहा से जमीन नापनी शुरू की थी वह वह आ जाये |
 और किसान ने यह बात सुन कर वह अगले दिन सुबह ही सवेरे ही निकाल पड़ा ताकि उसे ज्यादा से ज्यादा जमीन हासिल हो | और इसी लिए वह काफी तेज तेज चल रहा था क्यो की उसमे लालच आ गयी थी की वह ज्यादा से ज्यादा जमीन हासिल कर सके | 
और दोपहर मे वह थकने से बावजूद भी वह चलता ही रहा , क्यो की वह ज़िंदगी मे आए इतने बड़े दौलत कमाने ने अवसर को नहीं छोडना चाहता था |


फिर शाम को दिन ढलते समय उसे वह शर्त याद आई की सूरज डूबने से पहले उसे उसी स्थान पर जाना भी है जहा से उसने शुरू किया था |

 
same is here


लेकिन अपनी लालच के कारण वह उस जगह से काफी दूर निकाल आया था | फिर जेसे -तेसे कर वह वहा से वापस लॉट पड़ा | 


सूरज डूबने का समय जेसे -जेसे करीब आता जा रहा था , वह उतनी ही तेजी से चलता था | और थोड़ी देर मे वह बुरी तरह से थकने के कारण उसे चक्कर आने लगे थे 


लेकिन तब भी वह उसे काबू कर के जेसे -तेसे दोड़ता रहा | और नतीजा यह हुआ की सूरज डूबने से पहले वह उस जगह पर पहुँच तो गया लेकिन लेकिन उसका दम निकाल गया यानि उसकी लालच ने उसकी जान ले ली |


 


MORAL-
     इस कहानी से हमे यह सबक मिलता है इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता की वह इंसान गरीब है या अमीर है | लेकिन उसे लालच नहीं करना नहीं चाहिए क्यो की उसका नतीजा आखिर मे बुरा ही निकलता  है|

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