यदि आप विनम्र है तो महानता के सबसे करीब है |(रवीन्द्र नाथ टेगोर (7 may 1861-7 augest 1941_))

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                           यदि आप विनम्र है तो महानता के सबसे करीब है |

रवीन्द्र नाथ टेगोर य मेरे  लिए खास   है और इनकी एक बात मेरे को बहुत अच्छी लगती है की यदि आप विनम्र है तो आप अपनी लाइफ मे कुछ भी कर सकते हो चाहे वह कोई भी feild क्यो न हो आपको कोई नहीं रोक सकता 


उनका मानना है की खुश रहना बहुत सरल है लेकिन सरल रहना बहुत कठिन है

 

और तर्क देने वाला दिमाग ऐसा दिमाग है जेसे मानो कोई चाकू जो केवल तेज धार का काम करता है और उस से कोई नहीं बच सकता जो की हर किसी को घायल कर देता है |


फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर आप इकठा जरूर कर सकते हो मगर उसकी महक को नहीं मिटा सकते 

दोस्त की गहराई उसके परिचय पर निर्भर करता है



 

हर बच्चा एक संदेश लेकर आता है की भगवान अभी हमसे नाराज नहीं हुआ है |

और एक और बात जो कुछ भी हमारा है वो हम तक तब ही पहुंचता है  जब हम उसके काबिल ना हो जाए |

हम यह pray ना मांगे की हमारे उपर कोई भी मुसीबत ना आए बल्कि उसके बजाए हमे यह pray करनी चाहिए की हमे हर आने वाली मुसीबत का डट कर सामना करने की power दे |


आस्था वो पक्षी है जो की रात के अंदेरे मे भी उजाला महसूस करता है |

और वो लोग जो की दूसरों की अच्छाई कर ने busy है उन्हे sayed अपने भलाई करने का टाइम ना  मिलता हो |

यदि आप सभी गल्तियो के दरवाजे बंद कर देंगे तो बस सच्चाई का रास्ता बच जाये जो मेरे ख्याल से काफी है |

और हम महानता के सबसे करीब तब आते है जब हम विनम्र होकर काम करते है |


                                                                                             रवीन्द्र नाथ टेगोर (7 may 1861-7 augest 1941_)

तो दोस्तो अगर अच्छा लगा है तो मे सम्झुगा की मेरी मेहनत सफल हुई |


                    

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