महात्मा बुद्ध और चरित्र हिन स्त्री

                                            

एक बार महात्मा बुद्ध एक village से गुजर रहे थे | तब रास्ते मे उन्हे एक स्त्री मिली और कहने लगी की आप इनते अच्छे दिखते हो और सुंदर भी हो लेकिन फिर भी आप एक साधू बन कर क्यो घूम रहे हो तब महात्मा बुद्ध ने उस स्त्री को एक सुंदर सा जवाब दिया |
  की इंसान बाहर से नहीं बल्कि आपने दिल से सुंदर होना चाहिए |क्यो की जाब इंसान अनदर से ही साफ दिल का नहीं होगा तो वह दुनिया के लिए नकारा साबित होता रहेगा|
 चाहे वह लाख कोशिश कर ले पर वह फिर से अपनी सान वापिस नहीं ला सकता तभी उसी समय कुछ लोग वह आए और कहने लगे की ये आप क्या कर रहे है यह एक चरित्र हिन औरत है आओ इसके मुह नहीं लगिए  क्यो की यह समाज मे लगा एक दाग है | 
तब महात्मा बुद्ध ने कहा की आप लोग एक बात बताइये की आपने गाव मे यह एक ही चरित्र इंसान है बताइये तब लोग कहने लगे की नहीं इसके सिवाए और भी गाव मे एसे लोग है परर ..यह सब कह कर वे सब चुप रह गए 
और उसी समय महात्मा बुद्ध कहने लगे की कभी एक आठ से ताली नहीं बजती यह और इनहि लोगो के कारण ऐसा सब कर रही है इसमे इंसका कोई दोष नहीं है हमे सबसे पहले समाज मे फेली इस खतरनाक बीमारी से लड़ना होगा बाकी अपने आप ठीक हो जाएगा |


इस कहानी का target 
हमे कभी भी बुरे लोगो को ढराना -धमकाना  नहीं चाहिए बल्कि उसके बजाए हमे उसकी अंडर की बुराइयों को जढ़ से उखाड़ देने की कोशिश करनी चाहिए |
तो दोस्तो अगर कहाँ अच्छी लगी तो कमेंट मे जरूर बताना तब तक के लिए अलविदा मिलते है next
कहानी मे 
धन्यवाद

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